Pages

Welcome my blog

Friday 20 March 2015

Thinking difference

आज हम आपको एक मां और बेटे की सोच बता रहे हैं कि दोनों की सोच में कितना फर्क होता है-

Thinking difference
मां- एक दिन भगवान ने माँ से सवाल पूछा कि अगर आपके कदमो से जन्नत ले ली जाएं और कुछ माँगने को कहा जाएं तो आप क्या माँगोगे ??
माँ ने बहूत खूबसूरत जवाब दिया कि
मैँ अपनी औलाद का नसीब अपने हाथो से लिखने का हक माँगूंगी
क्योंकी उनकी खुशी के आगे मेरे लिए हर जन्नत छोटी है ।

बेटा- ज़माने भर में आशिक कोई हमसा नही होगा,
खूबसूरत सनम भी कोई तुमसा नहीं होगा,
मर भी जाये उसकी बांहों में तो कोई गम नही यारो,

         देखा आपने दोस्तों एक मां की सोच में हमेशा अपने बच्चे और उनकी भलाई ही रहती है लेकिन एक बेटा थोड़ा समझदार होते हैं अपनी मां को भूलकर सिर्फ अपनी महबूबा के बारे में ही सोचता रहता है।


No comments: